जो ब्रह्म का ज्ञाता है वही ब्राह्मण है!
लोकमंगल की भावना से संस्कृत जीवनशैली का अभ्यास करने के लिए तथा उसके विकास और संवर्धन के लिए वैदिक कर्मकांडों और अनुष्ठानों का आयोजन समस्त सनातन समूहों द्वारा किया जाता रहा है और अनंत काल तक किया जाता रहेगा।
Spread the love